सुमता कुमता नार दोय पट राणी/ चेतावनी भजन
सुमता कुमता नार दोय पट राणी ।
दोनों रो ओर सभाव संत पहचोणी ॥
टेर: सुण मारा मनवा वीर ऐड़ी नहीं करणी ! माया मोटो जाल दोरो तिरणो ।
आ गई कुमता नार कुबुधि कर गई ।
नोकियो चौरासी रे माय जन्म डुबायो ॥
आ गई सुमता नार सुध-बुध दे गई ।
काडियो चौरासी रे बार जन्म सुधारियो ॥
किने सुणाऊ गुरू ज्ञान उठ उठ भागे ।
मारो हिरदो बड़ों कठोर रंग नहीं लागे ॥
नाभी कंवल रे माय गंगा निकली ।
बोलियां दास कबीर भक्ति करणी ॥
Bahut time se dhundne k bad mila . Bahut acha bhajan h.
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