मैं तो पुरबियो पूर्व देश

भजो तो भजो भगवान ने तजो तो अभिमान,
करो तो सेवा बंदगी देवो तो देवो कुछ जान।

किण भजियो भगवान ने किण तजियो अभिमान,
किण नर कीनी सेवा बंदगी किण नर दीनो दान।

ध्रूव भजियो भगवान ने प्रहलाद तजियो अभिमान,
श्रवण कीनी सेवा बंदगी राजा मोरध्वज दीनो दान। 
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‌मैं तो पुरबियों पुर्व देश ने मारी-

हेली बोली लिखेना कोय हेली,

जे मारी बोली लिखे मारी- 

हेली भाग पुरबला होय हेली।

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मारी मण्डली में साधु न मिल्यो मारी-

 हेली किण संग करु मैं स्नेह हेली,

मैं तो पुरबियों पुर्व देश ने मारी-

 हेली बोली लिखे ना कोय हेली।

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साध हुवा तो क्या हुआ मारी-

हेली हुदस फूली नहीं वास हेली,

भीतर बीज कपट भरियो मारी-

 हेली नहीं उगण री आस हेली,

मैं तो पुरबियों पुर्व देश ने मारी-

 हेली बोली लखेना कोय हेली।

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मारी मण्डली में साधु न मिल्यो मारी-

 हेली किण संग करु मैं स्नेह हेली,

मैं तो पुरबियों पुर्व देश ने मारी-

 हेली बोली लिखे ना कोय हेली।

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के तो तिल कोरा भला मारी- 

हेली नही तर तेल कडाय हेली,

अदबीच रे कुलर बुरी मारी-

हेली दोय दिना जाय हेली।

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मारी मण्डली में साधु न मिल्यो मारी-

 हेली किण संग करु मैं स्नेह हेली,‌

मैं तो पुरबियों पुर्व देश ने मारी-

हेली बोली लिखेना कोय हेली।

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कडवा पाना री कडवी बेलड़ी मारी-

 हेली फल ज्योरा कडवा होय हेली,

वा कड़वाई जद जावसी मारी-

हेली वेल विछोड़ा होय हेली।

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मारी मण्डली में साधु न मिल्यो मारी-

 हेली किण संग करु मैं स्नेह हेली,‌

मैं तो पुरबियों पुर्व देश ने मारी- 

हेली बोली लिखेना कोय हेली।

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डव तो लागी वेली जली मारी-

हेली होयो बीज रो नाश हेली,

केवे कबीरो धर्मीदास ने मारी-

हेली नहीं उगण री आस हेली।

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मारी मण्डली में साधु न मिल्यो मारी- 

हेली किण संग करु मैं स्नेह हेली,

मैं  तो पुरबियो पूर्व देश रो मारी-

हेली बोली लिखे ना कोय हेली।


जे मारी बोली लिखे मारी हेली,

ज्योरा भाग पुरबला होय हेली। 

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