हाल मारी सजनी देव मनावो
दोहा :
पेला किण ने मनाविये किण रा लिजे नाम,
मात पिता गुरु ओपणा अलख पुरूष रा नाम।
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शंख मजिरा वीणा रे वाजिया,
जती सती ढोल गुरावेला,
अंग रो मेल उतार देवी उमिया,
वण रो गणेश बणावेला,
हाल मारी सजनी देव मनावों।
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रिद्धि सिद्धि रो दाता आवेला,
स्वामी सुंडालो घर आवेला,
हाल मारी सजनी देव मनावों।
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कंकु केसर री गार गलावु मोहे,
मोतिया रा चौक पुरावोला,
चार जुगो रा पंडत बुलावेन,
गणपत नोम धरावोला,
हाल मारी सजनी देव मनावो
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स्वामी सुंडालो घर आवेला,
रिद्धि रो दाता आवेला,
हाल मारी सज्जनी देव मनावों।
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सीता ने कुंता रानी द्रोपदा,
माई पारवता आवेला! चार-
जुगो रा जोशी रे बुलावो,
गणपत पाठ विराजेला,
हाल मारी सजनी देव मनावों।
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रिद्धि सिद्धि रो दाता आवेला,
स्वामी सुंडालो घर आवेला,
हाल मारी सजनी देव मनावों।
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केसर लावे चोंदरा भवानी,
सीता जी चंदन लावेला,
सिंदूर लावे मारी आद भवानी,
गणपत शिष चढावो ला,
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रिद्धि सिद्धि रो दाता आवेला,
स्वामी सुंडालो घर आवेला,
हाल मारी सजनी देव मनावों।
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कुंभ कलश भर लावे शारदा,
दिवला री जोत जगावेला,
दोय कर जोड़ जनक जी बोले,
सन्त अमरापुर माले ला,
हाल मारी सजनी देव मनावों।
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