हाल मारी सजनी देव मनावो

दोहा :
पेला किण ने  मनाविये   किण रा लिजे नाम,
मात पिता गुरु ओपणा अलख पुरूष रा नाम।
★★★





शंख मजिरा वीणा रे वाजिया,

जती सती ढोल गुरावेला, 

अंग रो मेल उतार देवी उमिया,

 वण रो गणेश बणावेला, 

हाल मारी सजनी देव मनावों।

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रिद्धि सिद्धि रो दाता आवेला, 

स्वामी सुंडालो घर आवेला, 

हाल मारी सजनी देव मनावों।

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कंकु केसर री गार गलावु मोहे,

मोतिया रा चौक पुरावोला,

चार जुगो रा पंडत बुलावेन,

 गणपत नोम धरावोला, 

हाल मारी सजनी देव मनावो

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स्वामी सुंडालो घर आवेला, 

रिद्धि रो दाता आवेला,

हाल मारी सज्जनी देव मनावों।

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सीता ने कुंता रानी द्रोपदा,

माई पारवता आवेला! चार-

जुगो रा जोशी रे बुलावो, 

गणपत पाठ विराजेला,

 हाल मारी सजनी देव मनावों। 

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रिद्धि सिद्धि रो दाता आवेला, 

स्वामी सुंडालो घर आवेला, 

हाल मारी सजनी देव मनावों। 

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केसर लावे चोंदरा भवानी,

 सीता जी चंदन लावेला, 

सिंदूर लावे मारी आद भवानी, 

गणपत शिष चढावो ला,

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रिद्धि सिद्धि रो दाता आवेला, 

स्वामी सुंडालो घर आवेला, 

हाल मारी सजनी देव मनावों। 

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कुंभ कलश भर लावे शारदा,

दिवला री जोत जगावेला,

दोय कर जोड़ जनक जी बोले,

सन्त अमरापुर माले ला, 

हाल मारी सजनी देव मनावों।

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रिद्धि सिद्धि रो दाता आवेला, 

स्वामी सुंडालो घर आवेला, 

हाल मारी सजनी देव मनावों। 

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