सुरा सावंत रंग दो केसर घोड़ी री झूल

 सुरा सावंत केसर कटोरे लेवो गाल 

भाई रे! केसर कटोरे लेवो गाल

चढ़ती जोनो रा करदो छोटणा रे।


चांदा सावंत रंग दो केसर घोड़ी री झूल 

भाई रे! रंग दो केसर घोड़ी री झूल

जोनियो रा रंग दे मेमद मोलिया रे।


हारे पाबू बणिया पुनम रा गेरा चांद

पाबू! बणिया पूनम रा गेरा चांद 

जोनी बणगा किरणो रा झूमका रे।


चढ़ने जोना होगी दरवाजे सू निकास 

भाई रे! होगी दरवाजे सू निकास 

आडी फर बोली देवल चारणी रे।

 

देवल दुर्गा थारा कइजे भूंडोडा सभाव 

बाई ए! थारा कइजे भूंडोडा सभाव 

कुंवारी जोनो रे आडा कियो फिरो रे।



 

बिंद बणियोड़ा थे तो जावो थोरी जोन 

भाई ए! थे तो सिवाधो थोरी जोन 

धन रे रूखालो किण ने छोड़ियो रे।


देवलदुर्गा सैस किरणा रो ऊगे भाण

बाई ए! सैस किरणा रो सुरज भाण

सबसु वडेरा बुढेजी ने छोडिया रे।


भाई भालाला बुढ़ेजी ने लेजा थारी जोन 

भाई ए! बुढ़ेजी ने लेजा थारी जोन 

चांदेजी ने छोड़ो अपणे कोट में रे।


देवल दुर्गा चांदे ने छोड़या सरे नाय

बाई ए! चांदेजी ने छोड़या सरे नाय

चांदेजी अरोगे सावण भादवो रे।


मान पाबू चांदेजी ने लेजा थारी जोन 

भाई ए! चांदेजी ने लेजा थारी जोन 

हड़मल ने छोड़ो गिड़दी कोट मे रे।


देवल दुर्गा हड़मल ने छोड़या सरे नाय

बाई ए! हड़मल ने छोड़या सरे नाय

हड़मल ले जासी सीधे मारगो रे।


भले पाबू सगलाने लेजा थारी जोन 

भाई ए! सगलाने लेजा थारी जोन 

पासी बांधे नी केसर कालवी रे।


देवल दुर्गा मुख सु धीमी धीमी बोल

बाई ए! मुखड़े सु धीमी-धीमी बोल  

शिष लिखायो कोरे कागजों।


देवल दुर्गा लियो लोटे में खारो गाल

बाई ए! लियो लोटे में खारो गाल

ओगंली डूबोई लक्ष्मण देव री।


भले भालाणे खेवियो गुंगल रो धूप

भाई रे! खेवियो गुंगल वालों धूप

पाबू रे बुलाया वेगा आवजो रे।


चढ़ चढ़ जोना पूगी रे कोस पचास

भाई रे! पूगी रे कोस पचास

वाछल रे जाए गाढ़ा रोकिया रे।



चांदा सावंत थारे घोड़ा ने आगे लाव 

भाई रे! थारे रे घोड़ा ने आगे लाव 

वाछल रे जाय रे गाढ़ा रोकिया रे।


हुक्म होवे तो गाला वाचक पर घावं 

भाई रे! गाला वाचक पर घावं

नीतर भाले री इंडी पोइद्या रे ।


चांदा सावंत जीमणा छोड़ो वाचक नाग 

भाई रे! जीमणा छोड़ो रे वाचक नाग 

सेवा रे साजे तो सुरज भाण री रे।


भले भालाणा थे हो गायो रा रखवाल

पाबू! थे तो गायो रा रखवाल

भक्ता ने होरा होरा राखजो रे ।



 




 






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