मैं तो पुरबियो पूर्व देश
भजो तो भजो भगवान ने तजो तो अभिमान, करो तो सेवा बंदगी देवो तो देवो कुछ जान। किण भजियो भगवान ने किण तजियो अभिमान, किण नर कीनी सेवा बंदगी किण नर दीनो दान। ध्रूव भजियो भगवान ने प्रहलाद तजियो अभिमान, श्रवण कीनी सेवा बंदगी राजा मोरध्वज दीनो दान। ★★★★★ मैं तो पुरबियों पुर्व देश ने मारी- हेली बोली लिखेना कोय हेली, जे मारी बोली लिखे मारी- हेली भाग पुरबला होय हेली। _______________________________________ मारी मण्डली में साधु न मिल्यो मारी- हेली किण संग करु मैं स्नेह हेली, मैं तो पुरबियों पुर्व देश ने मारी- हेली बोली लिखे ना कोय हेली। _______________________________________ साध हुवा तो क्या हुआ मारी- हेली हुदस फूली नहीं वास हेली, भीतर बीज कपट भरियो मारी- हेली नहीं उगण री आस हेली, मैं तो पुरबियों पुर्व देश ने मारी- हेली बोली लखेना कोय हेली। _______________________________________ मारी मण्डली में साधु न मिल्यो मारी- हेली किण संग करु मैं स्नेह हेली, मैं तो पुरबियों पुर्व देश ने मारी- हेली बोली लिखे ना कोय हेली। ____________________________________...