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और आसरो छोड़ आसरो लीनो कवर कनाई को

दोहा : नरसी निर्धन जाण के डेरा दिया सहू ठौड़, सीचड़ माछर जव घणा वे खावे तोड़ तोड़। ★★★  और आसरो छोड़ आसरो, लीनो कवर कनाई को, हे गिरधारी आज मायरो, भरजा नैनी बाई रो। _______________________________ असुर सहारण भक्त उबारन,  चार वेद महिमा गाई ज्यो, ज्यो भीड़ पड़ी भक्तों में, त्यो त्यो आय करी स्याई, पृथ्वी लाकर सृष्टि रचाई, वारा भये सतयुग माई, असुर मार प्रहलाद बचायो, प्रकट भये खम्बे माई,  बावन होय बली छल लीनो,  कीनो काम ठगाई को,  हे बनवारी आज मायरो, भर जा नैनी बाई रो।  और आसरो छोड़ आसरो लीनो,  कवर कनाई को हे गिरधारी आज, मायरो भर जा नैनी बाई रो। _______________________________ कसा मसा अवतार धार के  सुर नर की इच्छा पुरी, आधी रेण गजराज ऊबा, रियो गरूड़ छोड़ पहुंचे दूरी,  भस्मासुर ने भस्म करायो, सुंदर रूप धरे हरि नारद,  की नारी ठग लिनी जाकर, आप चढे चंवरी ! असुरन से, अमृत ले लीनो.. कीनो वेष, लुगाई रो हे बनवारी आज,  मायरो भर जा नैनी बाई रो।  और आसरो छोड़ आसरो लीनो,  कवर कनाई को हे गिरधारी आज, मायरो भर जा नैनी बाई रो। परशुराम श्री र...

चंदा थारे चानणे कृष्ण भजन

दोहा : कृष्णा थे भले आवजो शरद पुनम की रेण,  थो बिन घड़ी नी आवड़े बिलखा लागे नैन। बिलखा लागे नैण हिया में बैत करोती, नैण रया झूरराय विरेह रा टपके मोती॥  थे मारो मनणो मोह लियो  मथुरा रा भोला कान रे केसर वरणा कौनजी _________________________ चंदा थारे चानणे नावण  गई प्रभात रे  जल में पगला धोवती   भिन गियो सिणगार रे थे मारो मनणो मोवियो,  मथुरा रा भोला कान रे केसर वरणा कौनजी..रे.. _________________________ ऊंची मेड़ी उजली मोहे  मोरिगो खाट रे, जटे श्याम मारा पोढिया,  राधाजी ढोले वाव, थे मारो मनणो मोवियो,  मथुरा रा भोला कान रे केसर वरणा कौनजी..रे.. _________________________ लाल बोरंगो कोछऊ, बांजु बंध री लूंब रे, मारा श्याम रे वाव, ढोलंता रमझम वाजे, थे मारो मनणो मोवियो,  मथुरा रा भोला कान रे, केसर वरणा कौनजी..रे. _________________________ लाल बोरिंगे मुडियो,  मारे गुगरियो री टीब, मारा श्याम रे वाव ढोलावतो, रमझम वाजे टीब रे, थे मारो मनणो मोवियो,  मथुरा रा भोला कान रे, केसर वरणा कौनजी..रे. _________________________ डूंगर ...

सरवरियां री तीर खड़ी आ नैनी मायरा

सरवरिया री तीर खड़ी, आ नानी नीर बहावे है, जामण जाया बीर बिना,  कुण भात भरण ने आवे है, सरवरिया के तीर खड़ी,  आ नानी नीर बहावे है, माँ का जाया बीर बिना, कुण भात भरण ने आवे है। ____________________________ एक दिन म्हारो भोळो  बाबुल अरबपति कहलायो, अन धन रा भण्डार घणेरा, ओर सोर नहीं पायो थो, ऊँचा ऊँचा महल मालिया, नगर सेठ कहलायो थो, अण गिणती का नोकर, चाकर याद घणेरी आवे हैं, सरवरिया के तीर खड़ी नानी,  नीर बहावे है माँ का जाया बीर, बिना कुण भात भरण ने आवे है। ____________________________ लाड़ प्यार में पळी लाड़ली,  बड़ा घरां जद ब्याही थी, दान दायजो हाथी घोड़ा,  दास दासियाँ ल्यायी थी, सोना चाँदी हीरा मोती, गाड़ा भर भर ल्यायी थी, बीती बाता याद करू, जद हिवड़ो भर आवे है, सरवरियाँ के तीर खड़ी, आ नानी नीर बहावे है, माँ का जाया बीर बिना, कुण भात भरण ने आवे है। ____________________________ तेरे भरोसे सेठ सांवरा,  भोळो बाबुल आयो है, गोपीचंदन और तूमड़ा,  साधो ने संग ल्यायो है, घर घर मांगत फिरे सूरिया,  म्हारो मान घटायो है, देवरियो म्हने ताना मारे,  नण...

गोकुल हालो गायों चरावा/ कृष्ण भजन

गोकुल हालो गायों चरावा, मुरली री राग सुणावो नी सांवरिया । गोकुल हालो गिरधारी.. आपरे कारणे बाव खुदाया,  नावण रे मिस आवो नी सांवरिया-२ । गोकुल हालो गिरधारी.. आपरे कारणे झूला लगाया, झूलण रे मिस आवो नी सांवरिया-२ । गोकुल हालो गिरधारी..  आपरे कारणे भोजन बणाया, जिमण रे मिस आवो नी सांवरिया-२ । गोकुल हालो गिरधारी.. आपरे कारणे बाग लगाया,  घूमण रे मिस आवो नी सांवरिया-२ । गोकुल हालो गिरधारी.. बाई मीरा गावे गिरधार रा गुण, गुण सांवरा रा गावो रे सांवरिया-२ गोकुल हालो गिरधारी..

कृष्ण कागज मोखले वाचे धरम राज भजन लिरिक्स

 कृष्ण कागज मोखले वाचे धरम राज, द्वाजग वितो पांडवो आई रे कलजुग वारी वार । कलयुग होसी माखियो होसी एकाकार । राज करे काला कांगला हंसा करे ज्वार ॥ राजा प्रजा अधर्मी झूठा करसी जाल । राजा मारे रेत ने पुन गणे नी पापा ॥ अमर वे  जाओ  पांडवो जग में थोरी जीत । जड़ें फूल रेवे वासना अमर सतियो वाला नाम ॥ गोटका हलावै ग्वालियो दाखे कुब्दा दांव । मिठो मिलावो मारने युदपद बैठे जाय ॥ वके गया वनवास में चवदा वर्षों मोल । सो कैरव मराविया पायो राज अमोल ॥ उंडा जल अथांगिया पतरा बोन्धी पाज । राजा रावण ने मारियो सती सीता रे काज ॥ अमर वे जाओ पांडवों जग में थोरी जीत । जड़ें फूल रेवे वासना अमर सतियो वाला नाम ॥

अद वस अटकी नांव सांवरा गिरधारी

मारी अद वस अटकी नाव  सांवरा गिरधारी- २ गिरधारी रे गिरधारी मने आयो भरोसो हैं भारी मारी अद वस अटकी नांव  सांवरा गिरधारी-२ ________________________________ ओरो रे पति एक एक ने  मैं पांच पति घर नारी-२ कोयल पकड़ ने दीनी पिंजरे  कुक कुक ने हारी सांवरा गिरधारी  मारी अद वस अटकी नांव  सांवरा गिरधारी-२ ________________________________ एक समय में किंसक दानव  मन में खोट विचारी  आवत देख ने द्रोपद सती को  सिर से चीर उतारी  मारी अद वस अटकी नांव  सांवरा गिरधारी-२ ________________________________ कहे द्रोपदा सुण रे दानव  क्यू मारी लाज गमावे  लोग हंसेला जिक्र करेला  पत दोनों री जावे सांवरा गिरधारी-२  ________________________________ केवे दानव सुण द्रोपदा  थु मने कोई समझावे  पट राणी कर राखु महल में  दासी के वतलावे  सांवरा गिरधारी-२  ________________________________ भीमसेन जद वणियो स्त्री  घर दानव रे जावे  खम्भा नीचे दे किंचक ने  दानव मार घर आवे  सांवरा गिरधारी-२  ___________________...

मैं तो रे सांवरिया थाने ऐडा़

मैं तो रे सांवरिया थोने ऐड़ा कोनी जोणिया,  होए रे लाल भगतो री बेल पधारों रे ! सांवरिया लाल.... करमो कोई थारे काकी रे लागे, होए रे लाल उण घर खीचड़ खायो रे ! सांवरियालाल भक्तो री बेल पधारों रे । कबीरो कोई थारे काको लागे, होए रे लाल उण घर बालद लायो रे ! सांवरियालाल भक्तो री बेल पधारों रे । मीरो कोई थारे मासी रे लागे, होए रे लाल विष अमरत कर पायो रे ! सांवरियालाल भक्तो री बेल पधारों रे । नोमदेव कोई थारे नोनो रे लागे, होए रे लाल उण घर छपरो सजायो रे ! सांवरियालाल भक्तो री बेल पधारों रे । भिलणी कोई थारे भुआ लागे, होए रे लाल वण रो झूठण खायो रे ! सांवरियालाल भक्तों री बेल पधारों रे ।