अद वस अटकी नांव सांवरा गिरधारी

मारी अद वस अटकी नाव 

सांवरा गिरधारी- २

गिरधारी रे गिरधारी

मने आयो भरोसो हैं भारी

मारी अद वस अटकी नांव 

सांवरा गिरधारी-२

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ओरो रे पति एक एक ने 

मैं पांच पति घर नारी-२

कोयल पकड़ ने दीनी पिंजरे 

कुक कुक ने हारी सांवरा गिरधारी 

मारी अद वस अटकी नांव 

सांवरा गिरधारी-२

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एक समय में किंसक दानव 

मन में खोट विचारी 

आवत देख ने द्रोपद सती को 

सिर से चीर उतारी 

मारी अद वस अटकी नांव 

सांवरा गिरधारी-२

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कहे द्रोपदा सुण रे दानव 

क्यू मारी लाज गमावे 

लोग हंसेला जिक्र करेला 

पत दोनों री जावे

सांवरा गिरधारी-२ 

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केवे दानव सुण द्रोपदा 

थु मने कोई समझावे 

पट राणी कर राखु महल में 

दासी के वतलावे 

सांवरा गिरधारी-२ 

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भीमसेन जद वणियो स्त्री 

घर दानव रे जावे 

खम्भा नीचे दे किंचक ने 

दानव मार घर आवे 

सांवरा गिरधारी-२ 

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ज्योरी सायता करे रोमजी 

डर काय रो आवे-२

केवे कालु सुण धन्ना भाई

हरि भक्तों रे आवे

सांवरा गिरधारी-२

गिरधारी रे गिरधारी-

मने आयो भरोसो हैं भारी-

अद वह अटकी नांव सांवरा

भवसागरियां मु तारो

सांवरा गिरधारी।

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