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सतगुरु मिले सुजाण पियाजी

 सतगुरु मिले सुजाण पियाजी,  लागा शब्दा रा बाण।  प्रीत किनी पिया आपसे,  वरजे लोग अजाण,  घड़ी घड़ी में लेऊं वारणा,  तन मन करूं कुर्बान पियाजी!  लागा शब्दा रा बाण।  ________________________________ सतगुरु मिले सुजाण पियाजी,  लागा शब्दा रा बाण।  ________________________________  कदे विरहणी पिया पावसु,  करे प्रकटे वो भाण,  कहो पिया कैसे सहू मैं  प्रीत तजु के प्राण पियाजी,  लागा शब्दा रा बाण। ________________________________ सतगुरु मिले सुजाण पियाजी,  लागा शब्दा रा बाण।  ________________________________  मैं अबला पिया कछू नी- जाणु! थे हो चतुर सुजाण,  अंदर तीर इश्क रा लागा,  केड़ा करूं मैं बखाण पियाजी,  लागा शब्दों रा बाण। ________________________________ सतगुरु मिले सुजाण पियाजी,  लागा शब्दा रा बाण।  ________________________________  अरस परस होय दर्श दिखा- वो ! मेटो खेचा ताण,  सिमरथ दासी आपरी रे,  अब मोहे लीजो जाण पियाजी,  ________________________________ सतगु...

विरहनी भजन लिरिक्स

प्रीतम प्रीत  लगाए के दूर  देश मत जाय, बसों हमारी नगरी में हम मांगत तुम काम। प्रीत पुराणी ना पड़े ज्यों साजन सु लग्न, पतरी रेवे जल माही फिर भी देत अग्न। पप्पीया पीयू पीयू बोल म्हारा वीर। थु जाणे म्हारे पीवं जी री बाता, के कोयल के कीर पप्पीया पीयू पीयू बोल म्हारा वीर। _____________________________ पियू बसत हैं पर भोमी में सीत मन धरे नहीं धीर, वरेह लगाई पाय गया प्यालों, गया कलेजों सीर पप्पीया, पीयू पीयू बोल म्हारा वीर। _____________________________ गल गयो मांस हड्डियां रह गई, दुःखी बड़ों रे शरीर, दिन नी सैण रैण नी निंद्रा, लागा शब्द रा तीर पप्पीया, पीयू पीयू बोल म्हारा वीर। थु जाणे म्हारे पीवं जी री बाता, के कोयल के कीर पप्पीया, पीयू पीयू बोल म्हारा वीर। _____________________________ सुआ रे लायदे संदेशों, विरहनी री विगत शरीर, कोकिला एक काम कर मेरो, होजा समंद में सीर पप्पीया, पीयू पीयू बोल म्हारा वीर। थु जाणे म्हारे पीवं जी री बाता, के कोयल के कीर पप्पीया पीयू पीयू बोल म्हारा वीर। _____________________________ मिलिया पीवं जीव सुख-  पाया सुखी भयो रे शरीर, कहे कमाली हाल वि...