सतगुरु मिले सुजाण पियाजी



 सतगुरु मिले सुजाण पियाजी, 

लागा शब्दा रा बाण। 


प्रीत किनी पिया आपसे, 

वरजे लोग अजाण, 

घड़ी घड़ी में लेऊं वारणा,

 तन मन करूं कुर्बान पियाजी! 

लागा शब्दा रा बाण। 

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सतगुरु मिले सुजाण पियाजी, 

लागा शब्दा रा बाण। 

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कदे विरहणी पिया पावसु, 

करे प्रकटे वो भाण, 

कहो पिया कैसे सहू मैं 

प्रीत तजु के प्राण पियाजी, 

लागा शब्दा रा बाण।

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सतगुरु मिले सुजाण पियाजी, 

लागा शब्दा रा बाण। 

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मैं अबला पिया कछू नी-

जाणु! थे हो चतुर सुजाण, 

अंदर तीर इश्क रा लागा,

 केड़ा करूं मैं बखाण पियाजी, 

लागा शब्दों रा बाण।

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सतगुरु मिले सुजाण पियाजी, 

लागा शब्दा रा बाण। 

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अरस परस होय दर्श दिखा-

वो ! मेटो खेचा ताण,

 सिमरथ दासी आपरी रे, 

अब मोहे लीजो जाण पियाजी, 

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सतगुरु मिले सुजाण पियाजी, 

लागा शब्दा रा बाण। 

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