प्रीत करें पलट जावे पल में
दोहा: मन की लिखे अवलिया तन की लिखे सो पीर, मन तन की दोनों लिखे उसका नाम फ़कीर। फीकर सबको खा गई फ़िक्र है सबकी वीर, फ़िक्र की फाकी करें उसका नाम फ़कीर। ★★★ प्रीत करें पलट जावे पल में, आण बणे विपरित फकीरी, कुण जाणे जोगियो री रीत। ______________________________ जोगी केवे जोग साधु , चाल चलु जग जीत, साधु आगे जोर नी लागे, नीच दिन रेवे नश्चित फ़क़ीरी, कुण जाणे जोगियो री रीत। ______________________________ प्रीत करें पलट जावे पल में, आण बणे विपरित फकीरी, कुण जाणे जोगियो री रीत। ______________________________ यहां मस्ताना काल सू - डरता गावे विरेह रा गीत, दुनिया डरे ज्योरी केणी केड़ी, राम होवे भयभीत फ़क़ीरी, ______________________________ प्रीत करें पलट जावे पल में, आण बणे विपरित फकीरी, कुण जाणे जोगियो री रीत। ______________________________ नाम लिया डर लागे- मोहे देख्या उठे शीत, कामि कुकर्मी से मैं नी डरता, पर मिले रणजीत फ़क़ीरी, कुण जाते जोगियो री रीत। ______________________________ प्...