मनवा भूलो जावे रे मनवा

मनवा भूलो जावे रे मना क्यों भूलो जावे रे। 

सतगुरु जी समझावे रस्ते क्यो नी आवे रे॥


मेहर हुई महादेव री थने मनख बणायो रे, 

राम नाम रा कोल करने जग में आयो रे।

मनवा भूलो जावे रे मना क्यों भूलो जावे रे,

सतगुरु जी समझावे रस्ते क्यो नी आवे रे


पर निंदा में बक बक बोले जीभ थकावे रे,

नाम राम में ओटा लेवे थने आलस आवे रे।

मनवा भूलो जावे रे मना क्यों भूलो जावे रे,

सतगुरु जी समझावे रस्ते क्यो नी आवे रे।


खेल तमाचा देखण जावे रैण गमावे रे,

सतरी संगत में आवे थाने निंद्रा आवे रे।

मनवा भूलो जावे रे मना क्यों भूलो जावे रे, 

सतगुरु जी समझावे रस्ते क्यो नी आवे रे।


मध पिवे और नशो कर तू धूम मचावे रे,

मात पिता सु करे लड़ाई शर्म नी आवे रे।

मनवा भूलो जावे रे मना क्यों भूलो जावे रे 

सतगुरु जी समझावे रस्ते क्यो नी आवे रे


जियाराम रो केणो काई तू बुरो मनावे रे,

 ऋषि मुनि केता आया वे नरगा में जावे रे।

मनवा भूलो जावे रे मना क्यों भूलो जावे रे,

सतगुरु जी समझावे रस्ते क्यो नी आवे रे।

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