वारि मारा सन्तों ने बलियारी
दोहा:
कहे सन्त सगराम भजन री करड़ी घाटी,
आडा ऊबा पाप हाथ में लोम्बी लाठी,
लोम्बी लाठी हाथ में आगे बढण दे नाय,
जो दे आगो पावड़ो दे गाबड़ रे माय,
दे गाबड़ रे माय कमाई कीनी माठी,
कहे सन्त सगराम भजन री करड़ी घाटी।
★★★★★
सील संतोष री नोको सड़कों,
जहाज वणावो हद भारी,
सतरी संगत री गाड़ी बणावो,
बैठो नर और नारी वारि-
मारा सतगुरु ने बलियारी।
____________________________________
गाड़ी में बैठ गणो सुख पावों,
टल जाई नरक री द्वारी,
वारि मारा सन्तों ने बलियारी।
____________________________________
मन ममता रा इंजन बणावो,
गैर कलस तन धारी,
ज्ञान ध्योन रा तेल भर दो,
प्रेम री दो पिचकारी वारि-
मारा सतगुरु ने बलियारी।
____________________________________
गाड़ी में बैठ गणो सुख पावों,
टल जाई नरक री द्वारी,
वारि मारा सन्तों ने बलियारी।
____________________________________
पांच विषय रा कर दो कोयला,
अगम निगम फूंक मारी,
ममता जोगण ने मई कर मारो,
जद वेला टिकटो री तैयारी,
वारि मारा सन्तों ने बलियारी।
____________________________________
गाड़ी में बैठ गणो सुख पावों,
टल जाई नरक री द्वारी,
वारि मारा सन्तों ने बलियारी।
____________________________________
नाभि कंवल पर जंक्शन भारी,
दस पोकड़ियो री बारी बिना-
टिकट गाड़ी में मत बैठो,
आगे कनेक्टर भारी वारि-
मारा सतगुरु ने बलियारी।
____________________________________
गाड़ी में बैठ गणो सुख पावों,
टल जाई नरक री द्वारी,
वारि मारा सन्तों ने बलियारी।
____________________________________
जीयाराम गुरु पुरा मिलाया,
अमर पट्टों रा अधिकारी,
बन्नानाथ गाड़ी में बैठा,
गाड़ी ने घणी ललकारी,
वाला मारा सन्तों ने बलियारी।
____________________________________
Comments
Post a Comment