करो भजन वो होरा




दोहा:

मिनख मिनख में आतरो मिनख मिनख में फेर,
घणा मिनख हैं रति रति कोई हैं सवा सेर ।

धरती माथे मिनख घणा मिनखा रो सुगाल,
जिण मिनखो में मिनख पणो वोरो है काल।

★★★★★





मनख जमारो भाई होरो

 नहीं है कोई होरा ने कोई दोरा

एक रंग भाई मिनखा रो नही,

 कोई काला ने कोई गोरा 

सन्तों करो भजन वो होरा

_______________________________

भजन बिना चौरासी नी छूटे

 आगे पड़ेला फोड़ा सन्तों  

करो भजन वो होरा ।

_______________________________

कोई  हाले हस्ती घोड़े,

कोई गाल गला में डोरा,

कोई के राजा राज कंरता

कोई उपाड़े बोरा सन्तों

 करो भजन वो होरा।

_______________________________

भजन बिना चौरासी नी छूटे

 आगे पड़ेला फोड़ा सन्तों  

करो भजन वो होरा ।

_______________________________

कोई जिमे माल मलिदा,

 कोई एक तन रा कोरा,

कोई एक मगता घर घर-

मोगे हाथ लिया कटोरा,

 संतो करो भजन वो होरा।

_______________________________

भजन बिना चौरासी नी छूटे

 आगे पड़ेला फोड़ा सन्तों  

करो भजन वो होरा ।

_______________________________

कोई एक पेरो सोनो रूपो,

 कोई कड़ा लोहे रा कहत-

कबीर सुणो भाई सन्तों,

भजन बिना जीव दोरा ।

_______________________________

भजन बिना चौरासी नी छूटे

 आगे पड़ेला फोड़ा सन्तों  

करो भजन वो होरा ।

★★★★★










Comments

Popular posts from this blog

वायक आया गुरुदेव रा रूपा जमले पधारों/ लिरिक्स भजन

साधु भाई सतगुरु साक भरेलो

गोविन्द रा गुण गाय बन्दा उमर जावे