सतगुरु आया बिणजारा


दोहा:


गुरू  ब्रह्मा गुरु विष्णु गुरु देवो महेश्वरा,
गुरू साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नम:

 आज मारे सतगुरु आया बिणजारा।





ज्ञान गुणा री बाळद लाया,

हीरा लाया अपारा,

मूंगी चीजो लाया अमोलक

ऐसा हैं गुरु प्यारा आज,

मारा सतगुरु आया बिणजारा।

ऐसो डाव फेर नहीं आवे,

मिले ना दूजी बारा रे आज,

मारे सतगुरु आया बिणजारा।

______________________________


प्रेम भक्ति की हाटां खोली, 

लाला मोती जवारां,

गुरुमुखी वे सो सौदा कर ले,

भटकत फिर है गँवारा आज,

मारे सतगुरु आया बिणजारा।

______________________________


जिण घर सत संगत नहीं होवे,

वण घर जमड़ा करे है पुकारा,

आठों पेर बठे रेवे उदासी,

वे जावें नरक दवारा आज,

मारे सतगुरु आया बिणजारा।

________________________________


जिण घर सत संगत नित होवे,

वटे संतजन करे पुकारां,

आठों पोहर हरी रा गुण गावे 

जावे साहिब के दवारा आज,

मारे सतगुरु आया बिणजारा।

________________________________


साहेब कबीर मिल्या गुरु पूरा,

बिणज किया अति भारा,

धर्मीदास दासा के दासा,

ह्रदय में सिरजन हारा आज

मारा सतगुरु आया बिणजारा।

________________________________

ऐसो डाव फेर नहीं आवे, 

ऐसो डाव थारो पाछो कोणी आवे,

मिले ना दूजी बारा रे आज मारा,

सतगुरु आया बिणजारा।

★★★★★






Comments

Popular posts from this blog

वायक आया गुरुदेव रा रूपा जमले पधारों/ लिरिक्स भजन

साधु भाई सतगुरु साक भरेलो

गोविन्द रा गुण गाय बन्दा उमर जावे