लिख लिख अर्जी भेजु रणुजे
दोहा:
रामा कहूं थोने राज-वी हीरा कहूं के लाल।
ज्योने मिलिया रामदेव वोने करिया निहाल॥
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लिख लिख अर्जी भेजु रणुजे,
महलो में पोढो रामा रे,
सेवक ऊपर छोया राखो,
धणी हो सुता तो जागो रे,
अर्ज करो जद आवो अजमल रा,
मारो मन माला में लागो रे,
करूं सायल धणी वेगा पधारो,
मारो चित सब्दो में लागो रे.. हा..
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लीलो घोड़ों रामा भमर भालो,
धणी पेरण केसरिया जोमा रे,
जल में डुबोड़ी जहाज तारी,
धणी आप पधारिया होमा रे,
अर्ज करू जद आवो अजमल रा,
मारो मन माला में लागो रे,
करूं सायल धणी वेगा पधारो,
मारो चित शब्दो में लागो रे.. हां..
गढ़ गोकुल में गायो चराई,
धणी कंस मारिया मोमा रे,
गढ़ राणुजे आप पधारिया,
धणी लिया बीज रा जोमा रे,
अर्ज करू जद आवो अजमल रा,
मारो मन माला में लागो रे,
करूं सायल धणी वेगा पधारो,
मारो चित शब्दो में लागो रे.. हां..
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