गुरोसा थारी वाड़ी फूलो छाई
दोहा:
आ तन वस री वेलड़ी गुरू अमृत री खाण,
शिष दिया सतगुरु मिले तो भी सस्ता जाण।
गुरु देवन के देव हो आप बड़े जगदीश,
बेड़ी भवजल वीच में तारो विश्वाविस।
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गुरोसा थारी वाड़ी फूलो छाई,
असन जुगो री ओलखाई,
जुगा जुगो री ओलखाई,
गुरोसा थारी वाड़ी फूलो छाई।
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गणपति देवा थरपना थोरी,
देवा सिवरूं शारद माई,
गजानन मासु सनमुख रइयो,
मेहर करो महमाई, गुरोसा
थारी वाड़ी फूलो छाई।
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धूप दीप से करूं रे आरती,
मोतीयन चौक पुराई,
भैरू रा वायक फिरे भाईड़ा,
दुश्मन दूर हटाई गुरोसा,
थारी वाड़ी फूलो छाई।
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अण वाड़ी में चम्पो मरवो,
चनण केल ओलखाई,
इण वाड़ी रा फूल अजब है,
फल होशियारे पाई गुरोसा,
थारी वाड़ी फूलो छाई।
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माली बड़ो मुक्त रो दाता,
फूलो री छाब भराई,
इण फूलों सू बणियो सेवरो,
शिवजी रे मुकुट चढ़ाई गुरोसा,
थारी वाड़ी फूलो छाई।
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माई बीज रे मेले मलिया,
सुर तेत्तीसो बुलाई धेन-
दास री अरज वीणती,
ऐड़ी ऐड़ी महिमा गाई,
गुरोसा थारी वाड़ी फूलो छाई।
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