गवरी रा लाल गणेश मनाऊं पढ लो भगवत गीता


दोहा:

सुंडाला दुःख भंजहार सदा जो बाली वेष,
चारो पहली सिवरिये श्री गंवरी नंद गणेश।

चालत सिवरूं शारदा बैठत सिवरूं महेश,
भुला आखर सिद करो गंवरी नंद गणेश।





गवरी री रा लाल गणेश मनाओ,

पढ़ लो भगवत गीता,

सिंह आसरा वन रा,

 वन आसरा सिंह रा,

करो भजन गणपत रा,

 कटे पाप जन्म रा।

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     पोणी ऊपर पत्थर तारिया-२ 

एई है रोम दथरथ रा,

सिंह आसरा वन रा 

वन आसरा सिंह रा, 

करो भजन गणपत रा,

 कटे पाप जन्म रा ।

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लंका माथे डंका दीना-२ 

एई है कोम हड़मत रा,

 सिंह आसरा वन रा 

वन आसरा सिंह रा,

करो भजन गणपत रा,

कटे पाप जन्म रा.।

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पियाले जायेन नाग नाथियो

 एई है कोम कृष्ण रा,

सिंह आसरा वन रा,

वन आसरा सिंह रा 

करो भजन गणपत रा,

कटे पाप जन्म रा ।

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डूबते वाणिया री जहाज तारी,

जटे आया पीर पचम रा, 

सिंह आसरा वन रा,

वन आसरा सिंह रा 

करो भजन गणपत रा,

कटे पाप जन्म रा ।

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दोय कर जोड़ खाती बगसो बोले

सन्तों नहीं भरोसा तन रा,

सिंह आसरा वन रा,

वन आसरा सिंह रा,

करो भजन गणपत रा,

कटे पाप जन्म रा ।

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गवरी रा लाल गणेश मनाओ२ 

पढ़ लो भगवत गीता-

सिंह आसरा वन रा,

वन आसरा सिंह रा 

करो भजन गणपत रा,

कटे पाप जन्म रा ।

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