गजानन देव बड़ा मतवाला
दोहा:
गंवरी सुत श्री गणपति हिए बिराजो आय।
मैं बालक नादान हूं करजो मारी स्याय॥
गवरजा के लाडला शंकर सुत महाराज।
थाने सिवरू गणपति रिद्धी-सिद्धी भरतार॥
सरस्वती मात गजानन,
सिवरू लंबी सूंड रखवाला,
रिद्धि सिद्धि नारी संग विराजे,
शिव शक्ति रा बाला,
गजानन देव बड़ा मतवाला,
थोरे हाथ खडग दोय भाला,
गजानन देव बड़ा मतवाला।
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दुध चढ़ाऊं देवा फूल चढ़ाऊं,
और चढ़ाऊं थोने मेवा,
लाड़ू वाली साब चढ़ाऊं,
सन्त करे थोरी सेवा,
गजानन देव बड़ा मतवाला।
थोरे हाथ खडग दोय भाला,
गजानन देव बड़ा मतवाला।
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राम जी सिवरे लक्ष्मण सिवरे,
सिवरे दस अवतारा,
वेद पढंता ब्रम्हा जी सिवरे,
वेद उच्चारण वाला,
गजानन देव बड़ा मतवाला।
थोरे हाथ खडग दोय भाला,
गजानन देव बड़ा मतवाला।
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राजा सिमरे प्रजा सिमरे,
सिमरे जोगी जटा धारा,
उठ प्रभाते व्यापारी सिवरे,
रोजी पूरण वाला,
गजानन देव बड़ा मतवाला।
थोरे हाथ खडग दोय भाला,
गजानन देव बड़ा मतवाला।
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