हीरलो रा व्यापारियों मोती ओलख लेणा
दोहा :
आ तन वस री वेलड़ी गुरू अमृत री खाण,
शिष दिया सतगुरु मिले तो भी सस्ता जांच।
हिरलो रा व्यापारियों हो,
राज मोती ओलख लेणा।
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नाभी कंवल नेजा रोपिया,
हो राज सुरता ऊंचि चढ़े,
ऊंचि चढ़े ने जोवियो हो,
राज वारि वारि खेल करें।
हिरलो रा व्यापारियों हो
राज मोती ओलख लेणा।
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आमे-सामे हाठडी़ हो,
राज में बैठो वणज करे,
तन तोला मन ताकड़ी हो,
राज तोलिया खबर पड़े,
हिरलो रा व्यापारियों हो
राज मोती ओलख लेणा।
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काया नगर में वाडिया हो,
राज मिरगो यूही फिरे,
बाण बत्तीसा सांधिया,
हो राज मिरगो यूं मरे,
हिरलो रा व्यापारियों हो
राज मोती ओलख लेणा।
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पांच पच्चीसा रा पारखु,
हो राज हिरलो डगे पड़े,
माथे घनोनो घाव पड़े हो,
राज हिरलो ऐरण चढ़े,
हिरलो रा व्यापारियों हो
राज मोती ओलख लेणा।
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