गण नायक विघ्न हरो देवा/ गणपति भजन
गण नायक विघ्न हरो देवा ।
सुख संपत्ति दीजो आय के गण नायक विघ्न हरो देवा ।
पार्वती के तुम हो लाला, मैं जपता हूं तेरी माला ।
खोल मेरे हिरदे के ताला, ज्ञान बतावो आय के !
गुण से विधा भरो देवा ॥
मात गवरजा सिया सती, मैं सिवंरू कैलाश पति ।
बलवंता हनुमान जति हैं लायो संजीवन जाय के !
रघुवर के काज सरो देवा ॥
रवि शषि शेष सकल गुण सारा, अड़सठ तीरथ गंग की धारा ।
पुष्कर तीर्थ रघुराज प्यारा नैया पड़ी मझधार में !
पापी ने पार करो देवा ॥
मात पिता गुरुदेव गौसाई जन्म लियो गुरु ज्ञान बताई ।
धनशिव लाल शरण में आई दर्शन दीजो आय के !
भवसागर पार करो देवा ॥
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