कैलाशों रे माय रे/ शिवजी भजन
कैलाशों रे माँय रे, वनवासो रे माँय ।
शिव ने पार्वती रमे सोगटे हो जियो ॥
जीते जिणो ने राज रे,जीते जिणो ने राज ।
हारे जिणो ने देवां, तेवटो हो राज ॥
नोखे पेलोड़े दाव रे,नोखे पेलोड़ो दाव ।
महादेव जी जीता ने, पार्वती हारिया हो जी ॥
नोखे दूजोड़ो दाव रे,नोखे दूजोड़ो दाव ।
महादेव जी जीता ने, पारवती हारिया हो जी ॥
नोखे तीजोड़ो दाव रे, नोखे तीजोड़ो दाव ।
महादेवजी जीता ने,पारवती हारिया हो जी ॥
नोखे चौथोड़ो दाव रे,नोखे चौथोड़ो दाव ।
पारवती जीता ने, महादेव हारिया हो जी ॥
घाले नांदिये भार रे,घाले नांदिये भार रे ।
हवळे हवळे महादेव जी, हालिया हो जी ॥
सोंकड़ी सेरी रे माँय रे, बिखमी घाटी रे माँय ।
देवी रो रथडो रे सामी,आवियो हो जी ॥
बाबा अळगो जाय रे,जोगी अळगो जाय ।
रह जाई रह जाई,मारग में एकलो हो जी ॥
घाले झोली में हाथ रे,घाले झोली में हाथ ।
तीन पाँखां रो त्रिशूल काढियो हो जी ॥
आई बाबा ने रीछ रे आई शंकर ने रीछ ।
काला भैरू रो माथो, वाडियो हो जी ॥
नमे चंदा ने भौण रे नमे चंदा ने भौण ।
इंद्र उतारे हरि री आरती हो जी ॥
शंकर रो अवतार रे महादेव रो अवतार ।
माया मोलो नी भोला नाथ री वो जी ॥
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