कुण तो लाया तुम्बड़ा

सिंह चढ़े दुर्गा मिले गरूड़ चढ़े भगवान,
 बोल चढ़े शंकर मिले पूर्ण करजो काज।




कुण तो लाया तूम्बड़ा, कुण तो नागर वेल,

कुण जी तो लाया संतो री अमर वेल।

शिवजी तो लाया तूम्बड़ा पार्वता नागर बेल,

गोरख जी तो लाया रे संतो री अमर बेल।

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किण ने देवां तूम्बड़ा किण ने नागर बेल,

किण ने तो देवा संतों री अमर बेल।

शिवजी ने देवा तूम्बड़ा  पार्वता ने नागर बेल,

गोरखजी ने दोला संतो री अमर वेल।

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कठे बूआड़ु तूम्बड़ा,कठोड़े नागर बेल 

कठोडे़ तो बवाड़ू संतो री अमर बेल।

वागे बवाडु तुम्बडा बगीचा नागर बेल

भजना में बवाड़ू,संतो री अमर बेल

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किण ती सींचु तूम्बड़ा किण ती नागर,

बेल किण ती सींचूँ रे संतो री अमर वेल।

घी स्यूं सीचु तुम्बडा दूदा स्यूं नागर बेल,

शब्दों ती सींचू रे संतो री अमर बेल।

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सुखन लागा तूम्बड़ा,कलमिजे नागर वेल,

कूम्पल तो काडे संतो री अमर वेल।

राजा भरतरी विणती सुणजो चित्त लगाय,

अमर तो होइजो रे संतो री अमर बेल,

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कुण तो लाया तूम्बड़ा कुण तो नागर बेल,

कुण  जी तो लाया संतो री अमर बेल।

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