सांभलो नी सायल बाबा रामदेवजी मारी रे
सांभलो नी सायल
बाबा रामदेव मारी रे,
आपरी तो सेवा माने
लगे घणी प्यारी रे।
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अजमल भक्ति किनी हद भारी रे
तन मन तपस्या किनी करारी रे,
सांभलो नी सायल बाबा,
रामदेव मारी रे आपरी तो,
सेवा माने लगे घणी प्यारी रे।
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गढ़ गोकुल में काना गायो चराई रे,
मुरली री धुन बाबा मिठी बजाई रे।
सांभलो नी सायल बाबा,
रामदेव मारी रे आपरी तो,
सेवा माने लगे घणी प्यारी रे।
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बालीनाथ जी रा दस्तखत भारी रे,
मारियो भेरव ने किनी किलकारी रे।
सांभलो नी सायल बाबा,
रामदेव मारी रे आपरी तो,
सेवा माने लगे घणी प्यारी रे।
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