मीठा लागे भिलणी रा बोर/ रामायण भजन

मारा लक्ष्मण भाई मीठा लागे भिलणी रा बोर-२

प्यारा लागे सबरी रा बोर, ॥टेर॥

मारा लक्ष्मण भाई मीठा लागे भिलणी रा बोर-२


अण रे वनों में भाई कबु नहीं आया,

फिर गया चारोई ओर ।

मारा लक्ष्मण भाई मीठा लागे भिलणी रा बोर-२


ऐडा़ ऐडा़ बोर माता कौशल्याजी देता,

नहीं करें इण री हौड़ ।

मारा लक्ष्मण भाई मीठा लागे भिलणी रा बोर-२


इण रे बोरो में लक्ष्मण कोई कोई मीठो,

मीठा ज्योरी खांडी हैं कोर ।

मारा लक्ष्मण भाई मीठा लागे भिलणी रा बोर-२


तुलसीदास प्रभु आस रघुवर री,

सबरी री भक्ति में जोर ।

मारा लक्ष्मण भाई मीठा लागे भिलणी रा बोर-२


मीठा लागे सबरी री रा बोर ॥टेरा॥

मारा लक्ष्मण भाई मीठा लागे भिलणी रा बोर-२ । 

Comments

Popular posts from this blog

वायक आया गुरुदेव रा रूपा जमले पधारों/ लिरिक्स भजन

साधु भाई सतगुरु साक भरेलो

गोविन्द रा गुण गाय बन्दा उमर जावे