सत्संग अमर जड़ी हैं/ भक्तमाल भजन
सतसंगत अमर जड़ी हैं ।
जिनको लाभ मिला सत्संग रा उनको खबर पड़ी है,
प्रहलाद संगत श्रीयादे री किनी रामजी री खबर पड़ी है।
खंभ फाड़ हिरणाकुश मारयो खंभे बाथ भरी हैं ॥
सुग्रीव संगत रामजी री किनी वानर फौज बणी हैं।
वानरो री कोई सामर्था जाएं रावण से भडी़ हैं ॥
नरसिंह संगत पीपाजी री किनी सुई पर बात अड़ी हैं।
छप्पन करोड़ रो भरियो मायरो आया आप हरी हैं ॥
लोहा संगत काठ री किनी जल पर जहाज तरी हैं ।
कहत कबीर सुणो भाई संतों बिल्कुल बात खरी हैं ॥
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