संतों राम रस पिवो कुंडाल भरी/ वाणी भजन
संतों राम रस पिवो कुंडाल भरी ।
टेर : कुंडाल भरी माइ मेवा मिसरी संतों राम रस पावो..
राम नाम री संगतों भारी,
लाल पेड़ ज्योरी डाल हरी ।
संतों राम रस पिवो....
पांच पच्चीस मिल घोटणा बैठा,
घोटे घोटे ने किदी रजक जड़ी !
संतो राम रस पिवो...
पिवे सभाग्या ढोले अभाग्या,
नुगरो ने नहीं मिले पांव रति !
संतों राम रस पिवो...
पांच पच्चीस मिल पिवण बैठा,
प्याला भरे घड़ी ने घड़ी ।
संतों राम रस पिवो...
केवे कबीर सुणो भाई संतों,
धन्य भाग ज्योरी काया सुधरी ।
संतो राम रस पिवो कुंडाल भरी ।
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