भजन जेड़ो सुख हैं नहीं (दादू जी का भजन)
भजन जेड़ो सुख हैं नहीं कर देखलो विचारा
भजन किया नर तर गया बाकी डुब गया मझधारा
धन्य ध्रुव प्रह्लाद ने, पिता लिया ज्योरा लारा ।
राम नाम ने छोड़ियो कोनी, भोग्या कष्ट अपारा ॥
राजा ज्योरी पट रोणीया, मीरा रूपा ने तारा ।
नाम ले निर्भय हुई, ऐड़ा नाम लागे प्यारा ॥
उज्जैनी तज दी भरतरी, सुल्तानी बुखारा ।
बंगालो गोपीचंदे छोड़यो, लिनो नाम निचतारा ॥
लाखों भगत तर गया, केवल नाम आवारा ।
दादू हरि ने नहीं भजे, ज्योरा धुड़ जमाया ॥
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