हर भज हर भज हीरा परख ले, भजन लिरिक्स
हर भज हर भज हीरा परख ले समझ पकड़ नर मजबूती ।
साचा सिमरन करो सायब रा और बारता सब झूठी ॥
इन्द्र घटा ले सतगुरु आया अम्रत बुंदा हद बूँटी
त्रिवेणी के रंग महल में हंसे लालो हद लूटी
इण काया में पाँच चोर है जिनकी पकड़ो सिर चोटी
पाँचो ने मार पच्चीस वश करले जद जाणु रजपुती
सत सुमरण का सैल बणाले ढाल बणाले धीरब री
काम क्रोध ने मार हटावो जद जाणु थारी मजबुती
झरमर-२ बाजा बाजै झिलमिल ज्योतो वे जलती
ओंकार पर रणोकार है हँसला चुग गया निज मोती
पक्की घड़ी का तोल बणाले काण ने राखो एक रती
गुरु चरणे मछेन्द्र बोले अलख लख्या सो खरा जती
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