राम सुमरले भाई रे मनवा

 टेर:-  राम सुमरले भाई रे मनवा, राम सुमरले भाई, 

कर्म कटे सोरासी सुटे,भवसागर तर जाई,


लख सोरासी में भटकत आयो,मनखा देह पाई, ।

राम भजन बिना एलो रे जमारो,मार जमो री खाई ॥


बाल पनो थे खेल गमायो , जवानी नींद में खोई ।

 गई जवानी आयो बुडापो,राम भजन नही होई ॥


3 चोरी सुगली और जीव हत्या,तज ले नार पराई ।

 हर्क सोक थू मन सु त्याग दे,मत कर निंद्रा पराई ॥


सतगुरु दाता हेलो मारिओ, सुता निंदिया जगाई ।

आगे संत अनेक उबारिया,गुरु वसनो रे माही ॥

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